घर में छोटा बच्चा हो तो कुछ ना कुछ दिक्कतें लगी ही रहती हैं जिनमें से एक है सूखी खांसी है सूखी खांसी (Dry Cough) से गले में खराश होने लगती है जिस चलते बच्चा खांसते-खांसते परेशान हो जाता है।
ऐसे में कुछ घरेलू उपाय बच्चे की इस तकलीफ को दूर करने में कमाल का असर दिखा सकते हैं। इन नुस्खों को अपनाना आसान है और इनका असर भी तेजी से होता है. प्राकृतिक (Natural Remedies) होने के चलते सेहत को किसी तरह का नुकसान पंहुचने की संभावना बहुत कम होती है. बस इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि आप सीमित मात्रा में ही किसी नुस्खे को अपनाएं:
- हल्का गर्म पानी और शहद: गर्म पानी में शहद मिलाकर पिलाने से सूखी खांसी में राहत मिल सकती है। बच्चों को २ से ३ बार दिन में दे सकते हैं।
- गरम बैठना: बच्चे को गरम पानी में नमक मिलाकर सिकाई करने से भी लाभ हो सकता है।
- हल्दी और दूध: हल्दी को गर्म दूध में मिलाकर पिलाने से भी खांसी में आराम मिल सकता है।
- अदरक का रस और शहद: अदरक का रस और शहद मिलाकर पिलाने से भी खांसी कम हो सकती है।
- हल्का मसाज: बच्चे की पीठ और छाती को हल्के हाथों से मसाज करना भी खांसी को कम कर सकता है।
- अदरक की चाय: अदरक की चाय बनाकर बच्चे को पिलाना भी सूखी खांसी को कम करने में मदद कर सकता है अम्ली खाद्य पदार्थों का परहेज: बच्चे को अम्ली चीजों जैसे की नींबू, टमाटर, आम, अनार आदि से बचाना चाहिए।
- हुमिडिफायर: घर में हुमिडिफायर या पानी के बर्तन रखकर वातावरण में नमी बनाए रखना बच्चे की सूखी खांसी को कम कर सकता है।
- गरम बाथ: बच्चे को गरम पानी से स्नान कराना भी फायदेमंद हो सकता है।
बच्चों को खाँसी होने के कारण (Causes of Cough in Kids)
बच्चों को खाँसी होने के अनेक कारण हो सकते हैं, लेकिन मुख्य रूप से दो कारण होते हैं-
बच्चों का शरीर वयस्क लोगों की तरह आसानी से शारीरिक तापमान को नियंत्रित नहीं कर पाता है। ठण्ड के दिनों में शरीर को गर्म रख सके तथा गर्म के दिनों में ठण्डा नहीं रख पाता। इससे बच्चों को खांसी हो जाती है।
बच्चे की रोगप्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह विकसित नहीं होती है। इस वजह से शिशु का शरीर संक्रमण से लड़ने में सक्षम नहीं होता।
बच्चों को खाँसी होने के अन्य कारण
सर्दी-जुकाम (Cold and Cough)
अगर आपके शिशु को सर्दी-जुकाम की वजह से खाँसी हो रही हो, तो बच्चे को बन्द नाक, बहती नाक, गले में खराश, आँखों में पानी और बुखार जैसे लक्षण भी हो सकते हैं। जुकाम की वजह से बनने वाले अतिरिक्त श्लेम को निकालने के लिए शिशु खाँसता है।
फ्लू (Flue)
फ्लू के लक्षण सर्दी-जुकाम की तरह ही लग सकते हैं। अगर आपके शिशु को फ्लू हो तो उसे बुखार, नाक बहने और दस्त (डायरिया) या उल्टी जैसी परेशानियां भी हो सकती हैं। फ्लू की वजह से होने वाली खाँसी, जुकाम वाली खाँसी से अलग होती है। यह बलगम वाली खाँसी की बजाय सूखी खाँसी होती है। खाँसी के साथ काफी कम बलगम निकल रहा होगा।
क्रूप (Croup)
अगर शिशु को क्रूप हो तो उसे वायु मार्ग में सूजन होने की वजह से खाँसी होती है। शिशुओं का वायु मार्ग वयस्क की तुलना में काफी संकरा होता है। इसलिए इसमें सूजन होने पर शिशु के लिए सांस लेना मुश्किल हो जाता है। छह माह और तीन साल के बीच के बच्चों को क्रूप होने की संभावना ज्यादा होती है। क्रूप खाँसी में भौंकने जैसी आवाज निकलती है। यह अक्सर रात में शुरू होती है।
काली खाँसी (Whooping Cough)
काली खाँसी को कुछ स्थानों पर कुक्कर खाँसी भी कहते हैं। काली खाँसी(कुक्कर खाँसी) एक जीवाण्विक इनफेक्शन (बैक्टिरियल इंफेक्शन) है। यह काफी संक्रामक होती है। काली खाँसी में खांसी बहुत अधिक और सूखी होती है। इसमें बहुत सारा श्लेम निकलता है। खाँसते समय सांस लेते हुए उच्च स्वर या ध्वनि (Whoop Sound) निकलती है। वास्तव में यह गम्भीर बीमारी है, इसलिए इससे बचाव का टीका भी बच्चों को जन्म के बाद लगा दिया जाता है। इसके बाद भी अक्सर बच्चे इसकी चपेट में आ जाते हैं।
दमा (Asthma)
शिशु को दमा की वजह से भी खाँसी हो सकती है। अस्थमा से ग्रस्त शिशु की सांस लेते व छोड़ते समय सांसें फूलती हैं। उनकी छाती भी कस जाती है, और सांस की कमी होने लगती है।
तपेदिक (Tuberculosis)
लगातार रहने वाली खांसी टी.बी. का लक्षण हो सकती है। टी.बी. की खांसी दो सप्ताह से ज्यादा रहती है। टी.बी. से ग्रस्त शिशु की खाँसी में खून आ सकता है। सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। भूख कम लगती है। शिशु को बुखार भी हो सकता है।
प्रदूषण (Pollution)
कई बार हवा में फैले हुए धुएँ, केमिकल्स या पेंट इतना अधिक प्रदूषण कर देते हैं कि इससे छोटे बच्चों के गले में परेशानी शुरू हो जाती है।
बच्चों की खाँसी के लक्षण (Symptoms of Children’s Cough)
ये बच्चों की खांसी के लक्षण होते हैंः-
- सर्दी-जुकाम के चलते खाँसी और बलगम हो सकता है। इस अवस्था में बच्चे को रात में अधिक परेशानी होती है।
- अस्थमा के कारण होने वाली खाँसी में बच्चे को घरघराहट और साँस लेने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
- बच्चे को खराश युक्त खाँसी होती है तो यह लक्षण क्रूप खाँसी की हो सकती है।
- कई बार बच्चे को खाँसते-खाँसते ऑक्सीजन की कमी हो जाती है।
- यदि खाँसी और सांस दोनों की परेशानी हो रही है तो ये ब्रोंकोलाइटिस (Broncholithiasis) के लक्षण हो सकते हैं।
- अगर बच्चे को खाँसी दो तीन हफ्तों से ज्यादा रहती है तो यह स्थिति गम्भीर हो सकती है।
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