• Skip to main content
  • Skip to secondary menu
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
mirch

mirch.in

News and Information in Hindi

  • होम
  • मनोरंजन
  • विज्ञान
  • खेल
  • टेक
  • सेहत
  • करियर
  • दुनिया
  • धर्म
  • व्यापार
  • संग्रह
    • हिंदी निबंध
    • हिंदी कहानियां
    • हिंदी कविताएं
  • ब्लॉग

गुप्त नवरात्री के तीसरे दिन माँ त्रिपुरा सुंदरी की चमत्कारी कथा

Last updated on January 30, 2023 by Editor

माता त्रिपुरा सुंदरी जिन्हें षोडशी या श्री त्रिपुरा सुंदरी भी कहा जाता है। देवी शक्ति के कई रूपों में से एक हैं। लोग उनकी पूजा करते हैं क्योंकि कि वह सुंदरता और अनुग्रह का प्रतिनिधित्व करती हैं और उनके पास धन, स्वास्थ्य और खुशी लाने की शक्ति है।

MATA TRIPURA

मानयताओं के अनुसार त्रिपुर सुंदरी देवी पार्वती के शरीर से आई थीं, जो देवी भगवान शिव की पत्नी हैं। वह इतनी सुंदर थी कि देवी-देवता भी उससे नजरें नहीं हटा सकते थे।

गुप्त नवरात्रे के तीसरे दिन त्रिपुरा सुंदरी की पूजा की जाती है। त्रिपुर सुंदरी को ऐश्वर्या और सौंदर्य की देवी के रूप में भी पूजा जाता है। विधि विधान से की गई पूजा से मातृप्रेसुंदरी शिघ्र प्रसन्न होती है और अपने भक्तों को मनवंचित फल देती है। उन में सूर्य के समान तेज समाहित है ।

पूजा करते समय कुछ विशेष मंत्रों का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से अतिशिघ्र मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। माता अपने भक्तों के सभी कष्टों को दूर करती है और पूजा करने से आत्मिक बल कीर्ति और यश में बृद्धि होती है।

मान्यता है कि त्रिपुरा सुंदरी माता की पूजा करने वाले भक्तों को लौकिक और प्रति लौकिक शक्तियाँ प्राप्त हो जाति है। देवी पुराण में माता की शक्तियों की बात की गई है यह सिर्फ तंत्र साधना के लिए ही नहीं बल्की सुंदर रूप के लिए भी विख्यात है।

Table of Contents

Toggle
  • माता त्रिपुरा सुंदरी की पौराणिक कथा
  • गुप्तनवरात्रों में करें गुप्त दान;

माता त्रिपुरा सुंदरी की पौराणिक कथा

माता चतुर्भुजी भुजाओं में अंकुश धनुष है और देवी तीन नेत्रों से युक्त और अपने मस्तक पर अर्धचंद्र धारण करती है। देवी त्रिपुरा सुंदरी अपने भक्तों की हर प्रकार की मनोकामना पूर्ण करती है उनकी हर विपत्ति को हर लेती है और उन्हें अभय प्रदान करती हैं।

कथा के अनुसार सती वियोग में भगवान शिव सर्वदा ध्यान मगन रहते थे। उन्होंने अपने संपूर्ण कर्म का परित्याग कर दिया था।

उधर तारकासुर ने ब्रह्मा जी से वरदान प्राप्त किया था कि उसकी मृत्यु केवल भगवान शिव के पुत्र द्वारा ही होगी समस्त देवताओं ने भगवान शिव को ध्यान से जगाने के लिए कामदेव और उनकी पत्नी रति को कैलाश पर्वत पर भेजा कामदेव ने भगवान शिव पर प्रहार किया।

जिसके परिणाम स्वरूप भगवान शिव का ध्यान भंग हो गया। देखते ही देखते भगवान शिव के तीसरे नेत्र से उत्पन्न क्रोध ने कामदेव को जलकर भस्म कर डाला।

कामदेव की पत्नी रति द्वार अत्यंत दारुन विलाप करने पर भगवान शिव ने कामदेव को पुन: द्वापर युग में भगवान कृष्ण के पुत्र के रूप में जन्म धारण करने का वरदान दे दिया और वहां से अंत्ध्यान हो गए ।

भगवान शिव के एक गनित द्वार कामदेव की भस्म से मूर्ति निर्मित की गई और उपयोग निर्मित मूर्ति से पुरुष पैदा हुआ। उस पुरुष का नाम भांड रखा गया। शिव के क्रोध से उत्पन्न होने के कारण भांड तमोगुण संपन्न था और इस प्रकार वह धीरे-धीरे तीनो  लोकों पर  भयंकर उत्पाद मचने लगा ।देवराज इंद्र के राज्य के समान ही भण्डासुर ने स्वर्ग जैसे राज्य का निर्माण किया और वहां पर  राज करने लगा।

इसके बाद भांडसन ने इंद्रलोक और स्वर्ग लोक को चारों से घेर लिया। भयभीत इंद्र नारद की शरण में गए और इस समस्या के निवारण का उपाय पूछे तब देवराज इंद्र के पूछने पर देवासी नारद ने आराध्या शक्ति की यथाविधि अपने रक्त और मन से आराधना करने का सुझाव दिया देवराज इंद्र ने देवी की आराधना की और तब देवी ने त्रिपुरा सुंदरी रूप से प्रकट होकर देवराज पर कृपा की और समस्त देवता गणों को भय से  मुक्त किया ।

जिस प्रकार नवरात्र में  दुर्गा के नौ रूप की पूजा की जाती है ठीक उसी प्रकार गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की पूजा की जाति है। गुप्त नवरात्रि की पूजा करने वाले या प्राथमिकी उपवास रखने वाले सभी भक्तों को नियम पूर्व सुबह और शाम व्रत की कथा सुननी चाहिए ।

गुप्तनवरात्रों में करें गुप्त दान;

गुप्त नवरात्रि के किसी भी दिन आप गुप्त रूप से दान भी कर सकते हैं किसी भी निर्धन असहाय व्यक्ति की मदद भी कर सकते हैं। इसके अलावा आप मंदिर में गुप्त दान कर सकते हैं। आसपास जो भी माता का मंदिर है वहां जाकर आप दीये दान कर सकते हो। आपकी कोई विशेष मनोकामना है तो कहते हैं कि उसकी पूर्ति के लिए आपको आटे के अपनी समर्थ के अनुसर 5 या 7 सांख्य में दीपक जलाना चाहिए। आप चाहें तो घी के या सरसों के तेल के दिए भी जला सकते हैं।कहते हैं कि आटे  के दीये का मनोकामना पूर्ति से  विशेष संबंध होता है।

विवाह संबंधों परेशनियों में चाहे वह विवाह न होना हो या फिर वैवाहिक जीवन सुख न होना उसके लिए आप गुप्त नवरात्रि के किसी भी दिन अपने आस पास जो भी भगवान शिव और माता  पार्वती का मंदिर हो वहां आपको मंदिर में बैठक पूजा करनी चाहिए। भगवान शिव को सफेद और माता पार्वती को लाल फूल अर्पित करने के साथ ही आप उनका गठबंधन भी कर सकते हैं। एक मौली या कलावा जिसे कहते हैं आप इस्तेमाल लेकर जिस तरह से फेरों के लिए पति और पत्नी के बीच में कलावा बंध जाता है या दुपट्टा बंध जाता है उसी तरह से आप भगवान शिव और माता  पार्वती का गठबंधन करके आपकी जो भी मनोकामना है उसकी पूर्ति के लिए आप प्रार्थना भी कर सकते हैं। कहते हैं कि गुप्त नवरात्रि के दिनों में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से भी मनोकामना जल्दी पूर्ण होती है

नवरात्रि के दौरान, लोग त्रिपुरा सुंदरी और भगवान शिव के विवाह की कहानी बताते हैं। लोग पूजा करते हैं और त्रिपुर सुंदरी से उनकी सुरक्षा और आशीर्वाद मांगने के लिए प्रार्थना करते हैं। वे उससे स्वास्थ्य, धन और खुशी की भी प्रार्थना करते हैं।

त्रिपुर सुंदरी एक हिंदू देवी हैं जो अपनी सुंदरता, शक्ति और कृपा के लिए जानी जाती हैं। लोग उनकी पूजा करते हैं क्योंकि उनका मानना ​​है कि वह धन, अच्छा स्वास्थ्य और खुशी ला सकती हैं। भगवान शिव से उनका विवाह कैसे हुआ, इसकी कहानी उनकी पौराणिक कथाओं का एक बड़ा हिस्सा है, और नवरात्रि उत्सव इसका सम्मान करता है।

Share this:

  • Facebook
  • X

Related

Filed Under: Religion

Reader Interactions

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

Search

Top Posts

  • हनुमानजी का चमत्कारी चौपाई | kavan so kaj kathin jag mahi
    हनुमानजी का चमत्कारी चौपाई | kavan so kaj kathin jag mahi
  • राम सुग्रीव की दोस्ती
    राम सुग्रीव की दोस्ती

Footer

HOME  | ABOUT  |  PRIVACY  |  CONTACT

Recent

  • सट्टा किंग: क्या यह एक खेल है या एक जाल?
  • सरकारी नौकरी:रेलवे में अप्रेंटिस के 2424 पदों पर निकली भर्ती, 10वीं पास को मौका, महिलाओं के लिए नि:शुल्क
  • अब महिलाओं को मुफ्त में मिलेगा रसोई गैस सिलेंडर, जानें आवेदन प्रक्रिया|PM Ujjwala Yojana
  • राजस्थान फ्री लैपटॉप योजना 2024: Rajasthan Free Laptop Yojana

Tags

क्रिसमस पर निबंध | Motivational Christmas Essay In Hindi 2023

Copyright © 2025 · [mirch.in]