डीजल को अक्सर बदबूदार, शोरगुल वाले इंजन के रूप में देखा जाता है कई लोग सोचते हैं कि इसके लिए एकमात्र जगह ट्रैक्टर है। डीजल वाहनों का सच यह है कि वे धीमे, शोर वाले होते हैं, बदबूदार, हालांकि वे चलने में पेट्रोल से सस्ते हैं।
डीजल इंजन पेट्रोल इंजन की तरह तेज़ नहीं होते हैं, परन्तु वे पेट्रोल की तुलना में अधिक अश्वशक्ति उत्पन्न करते हैं। डीजल वाहन पेट्रोल की तुलना में टार्क अधिक ऑफर करते हैं। इसलिए, यह एक बहुत पतली रेखा है की कौन बेहतर है।
जब बात कीमत की आती है तो डीजल इंजन महंगा होता है इसीलिए डीजल से चलने वाले वाहन आमतौर पर महंगे होते हैं खरीदने में तो डीजल वाहन महंगा है पर चलाने में पेट्रोल वाहन से सस्ता पड़ता है डीजल इंजन को आमतौर पर भारी वाहनों के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है जैसे सामान ढोने वाले ट्रकों में ट्रैक्टर में बसों में डीजल इंजन का उपयोग किया जाता है।
डीजल इंजन का इंधन पेट्रोल के मुकाबले सस्ता होता है इसका एक कारण यह भी है डीजल अर्थव्यवस्था से जुड़ा हुआ है जितना भी जरूरी सामान है चाहे वह खाने पीने का हो दवाइयां हो कपड़े हो ट्रकों में ढोया जाता है। अगर डीजल महंगा होगा तो इसका सीधा असर रोजमर्रा के सामान पर पड़ेगा जिससे महंगाई बढ़ेगी।
पेट्रोल इंजन छोटी गाड़ियों में इस्तेमाल किए जाते हैं। पेट्रोल इंजन की गाड़ियां डीजल इंजन के मुकाबले सस्ती होती हैं और ज्यादातर पेट्रोल गाड़ियां व्यक्तिगत उपयोग के लिए इस्तेमाल में लाई जाती हैं।
आजकल की डीजल गाड़ियों में टर्बो का ऑप्शन दिया जाता है जिससे यह पेट्रोल गाड़ी का मुकाबला कर सके। इस वजह से अब डीजल और पेट्रोल गाड़ियों में बहुत कम अंतर रह गया है। एक टर्बो चार्ज डीजल इंजन पूरी तरह से पेट्रोल इंजन से मेल खा सकता है यही कारण है कि आप ज्यादातर डीजल कारें टर्बो में आती हैं।
पुरानी डीजल इंजन एक और वजह से बदनाम थे कि वह प्रदूषण बहुत ज्यादा करते थे अब नई तकनीक आने के बाद डीजल इंजन का प्रदूषण काफी हद तक कम किया जा चुका है। पुराने डीजल वाहन अपने पीछे काले रंग का धुआं छोड़ते हुए चलते थे जिससे सांस लेना भी मुश्किल हो जाता था।
जब डीजल इंजन और पेट्रोल इंजन में चुनाव करने की बात आती है तो यह पूरी तरह से आपकी आवश्यकता पर निर्भर करता है कि आपको क्या चाहिए हल्की गाड़ी और तेज गति या ज्यादा शक्ति और टार्क।
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