• Skip to main content
  • Skip to secondary menu
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
mirch

mirch.in

News and Information in Hindi

  • होम
  • मनोरंजन
  • विज्ञान
  • खेल
  • टेक
  • सेहत
  • करियर
  • दुनिया
  • धर्म
  • व्यापार
  • संग्रह
    • हिंदी निबंध
    • हिंदी कहानियां
    • हिंदी कविताएं
  • ब्लॉग

अमीर बहु गरीब ससुराल |Amir Bahu Garib Sasural

Published on May 21, 2023 by Editor

एक समय की बात है, एक गांव में एक अमीर आदमी रहता था। उसका एक बेटा था और उसकी शादी हो गई थी। उसकी बहु अच्छी संस्कारों वाली, समझदार और मेहनती थी।

जब वह अमीर आदमी के घर आई, तो वह गरीबी के बारे में अच्छी तरह समझी। वह जानती थी कि धन और सम्पत्ति खुशी का निर्धारक नहीं होते हैं। उसकी भावनाओं और मूल्यों में गर्व था और उसने अमीर आदमी के समाज में स्थान की परवाह नहीं की।

यद्यपि उसका ससुराल गरीबी से भरा हुआ था, लेकिन उसका पति, सास, ससुर और बहनों ने उसे प्यार और स्वागत किया। उन्होंने उसे अपना समझा और अपनी सम्पत्ति को धन्यवाद दिया।

अमीर आदमी ने अपनी बहु के गरीब ससुराल में एक साल बाद एक दिन आकर देखा। उसने देखा कि उसके पास धन और संपत्ति की सारी सुविधाएं हैं, लेकिन उसके बगीचे में खुशहाली और प्यार की कमी है। वह गर्मी के दिनों में जल्दी ढल गई थी, लेकिन उसके पास एक छत्र नहीं था। उसे अपने

पति ने इसे देखा और दुखी हुआ। उसने आदमी को यहसस महसूस कराया कि धन के बावजूद उसकी बहु की जरूरतों को पूरा करने में वह कामयाब नहीं हो पा रहा था।

दिल छू लेने वाली घटना के बाद, अमीर आदमी ने एक अहम निर्णय लिया। उसने देखा कि धन और संपत्ति की कमी भले ही उसे सुख और आराम प्रदान न करें, लेकिन प्यार, सम्मान, और परिवार का साथ उसे सच्ची खुशियाँ देते हैं।

इस परिवर्तित मानसिकता के साथ, अमीर आदमी ने दृष्टि बदली और अपनी बहु को प्यार से गले लगाया। उसने समझा कि परिवार में सम्पूर्णता का मतलब सिर्फ धन और संपत्ति नहीं होता है, बल्कि एक दूसरे के साथ प्यार, समर्पण, और भागीदारी का अहसास भी शामिल होता है।

वह गरीब ससुराल में बच्चों, सास-ससुर, और पति के साथ खुशी से रहने की खुशी महसूस करने लगी। उसने समझा कि धन के पास होना जरूरी है, लेकिन यह एक संतुष्ट और संयमित जीवन बनाने के लिए पर्याप्त नहीं है। आखिरकार, अमीर आदमी ने अपने बगीचे में एक छत्र बनवाया और अपनी बहु के लिए बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित की। उसने अपने ससुराल के सदस्यों के साथ समय बिताना शुरू किया और उनकी आवश्यकताओं का ध्यान रखना शुरू किया।

बहु ने अपने ससुराल में एक खुशहाल और समृद्ध वातावरण बनाने में अहम योगदान दिया। उसने सास-ससुर की देखभाल की, उनके लिए आवश्यक वस्त्र सामग्री और आवश्यकताएं उपलब्ध करवाईं, और पूरे ससुराल में एक एकता और प्यार का माहौल बनाया।

बिताये हुए समय के साथ, अमीर आदमी ने अपने ससुराल के अस्थायीता को दूर किया और अपनी बहु के समर्पण और प्रेम की महत्वपूर्णता को समझा। वह अपनी सम्पत्ति और सामाजिक स्थिति का इस्तेमाल समाजसेवा और दान के लिए करने लगा। उसने आपातकालीन मदद कार्यक्रम आयोजित किए, गरीबों की शिक्षा का समर्थन किया, और विकलांगों के लिए सुविधाएं प्रदान की।

इस प्रकार, अमीर आदमी ने समझा कि संपत्ति का मालिक होना खुुशी और संतुष्टि का गारंटर नहीं होता है। वह अपनी बहु के माध्यम से यह सीखा कि सच्ची धनीता और धनवान होने का मतलब होता है कि हम दूसरों की मदद करें, प्यार करें और सेवा करें।

देर से लेकिन यह सच्चाई समझने के बाद, अमीर आदमी ने अपनी बहु से माफी मांगी और अपनी गलती स्वीकार की। उसने बहु की मान्यता की और उसे बहुत सम्मान दिया। वह समझ गया कि असली धन और खुशहाली आत्म-संतुष्टि में होती है, जो प्यार, समर्पण, और सहयोग के माध्यम से प्राप्त होती है।

शिक्षा 

इस कहानी से ये शिक्षा मिलती  है कि धन और सम्पत्ति का मालिक होना खुशी और संतुष्टि का गारंटर नहीं होता है। वास्तविक धनीता सेवा, प्यार, और सहयोग के माध्यम से प्राप्त होती है। हमें समाज में एकजुट होकर अपने साथी लोगों की मदद करनी चाहिए और अपने धन और संपत्ति का उपयोग समाज कल्याण और सामाजिक उत्थान के लिए करना चाहिए।

Share this:

  • Facebook
  • X

Related

Filed Under: Hindi Stories

Reader Interactions

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

Search

Top Posts

  • हनुमानजी का चमत्कारी चौपाई | kavan so kaj kathin jag mahi
    हनुमानजी का चमत्कारी चौपाई | kavan so kaj kathin jag mahi
  • शेर और चूहे की कहानी| Story of lion and mouse
    शेर और चूहे की कहानी| Story of lion and mouse
  • किसी वाहन पर बैठने से पहले पढ़े यह चौपाई कभी नहीं होगा एक्सीडेंट | Jagadguru Sri Rambhadracharya ji
    किसी वाहन पर बैठने से पहले पढ़े यह चौपाई कभी नहीं होगा एक्सीडेंट | Jagadguru Sri Rambhadracharya ji
  • परिश्रम का महत्व पर निबंध|importance of hard work
    परिश्रम का महत्व पर निबंध|importance of hard work
  • बाबा बालक नाथ चालीसा | BABA BALAK NATH JI
    बाबा बालक नाथ चालीसा | BABA BALAK NATH JI

Footer

HOME  | ABOUT  |  PRIVACY  |  CONTACT

Recent

  • सट्टा किंग: क्या यह एक खेल है या एक जाल?
  • सरकारी नौकरी:रेलवे में अप्रेंटिस के 2424 पदों पर निकली भर्ती, 10वीं पास को मौका, महिलाओं के लिए नि:शुल्क
  • अब महिलाओं को मुफ्त में मिलेगा रसोई गैस सिलेंडर, जानें आवेदन प्रक्रिया|PM Ujjwala Yojana
  • राजस्थान फ्री लैपटॉप योजना 2024: Rajasthan Free Laptop Yojana

Tags

क्रिसमस पर निबंध | Motivational Christmas Essay In Hindi 2023

Copyright © 2025 · [mirch.in]