आज देश के अलग अलग हिस्सों में अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जा रहा है। अक्षय तृतीया, जिसे आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है, आमतौर पर इसे हिंदू और जैन धर्म में धूमधाम से मनाया जाता है। यह शुभ अवसर नई शुरुआत और समृद्धि का प्रतीक है। “अक्षय” शब्द का अर्थ स्वयं “अविनाशी” या “अमर” होता है। यह इस विश्वास को दर्शाता है कि इस दिन किए गए किसी भी कार्य को असीम सफलता और सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। ऐसे में आइए इस लेख में जानते हैं कि अक्षय तृतीया का क्या महत्व है, इस साल इसका शुभ मुहूर्त कब है और साथ ही ये भी जानेंगे कि क्यों इस बहुत से लोग सोना खरीदते हैं?
अक्षय तृतीया का महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के तृतीय तिथि को अक्षय तृतीया कहा जाता है। यह वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन को लेकर लोगों में कई मान्यताएं हैं. जिनमें से सबसे प्रमुख मान्यता ये है कि इस दिन बिना पंचांग देखे किसी भी प्रकार के मांगलिक और शुभ कार्य को किया जा सकता है। इस दिन धन योग के साथ रवि योग, शुक्रादित्य योग, मालव्य योग और भी कई शुभ योग बनते हैं। इसलिए इस राजयोग में मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा करने से कई गुना अधिक फलों की प्राप्ति होती है।
अक्षय तृतीया पूजा मुहूर्त
इस साल अक्षय तृतीया शुक्रवार, 10 मई 2024 को पड़ रहा है।
तृतीया तिथि का प्रारंभ – 10 मई 2024 को सुबह 4:17 बजे
तृतीया तिथि का समापन – 11 मई 2024 को रात 2:50 बजे
अक्षय तृतीया पूजा मुहूर्त – सुबह 5:33 बजे से दोपहर 12:18 बजे तक
कुल अवधि – 6 घंटे 44 मिनट
अक्षय तृतीया की शुरुआत 10 मई को सुबह 4 बजकर 17 मिनट पर होगा. इसका समापन 11 मई को सुबह 2 बजकर 50 मिनट पर होगा. यही कारण है कि इस बार अक्षय तृतीया 10 मई को मनाया जाएगा.
इस दिन क्यों सोना खरीदते हैं लोग?
अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदने की परंपरा बहुत पुरानी है। लोग इस दिन सुनार की दुकान पर सोने के सिक्के, आभूषण खरीदते हैं या फिर सोने में निवेश करते हैं। पर सवाल है सोना ही क्यों? असल में सोना सिर्फ एक धातु नहीं बल्कि धन-दौलत का प्रतीक माना जाता है। अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदने से घर में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है और धन का आगमन होता रहता है। चूंकि अक्षय तृतीया को बहुत ही शुभ दिन माना जाता है, इसलिए इस दिन किया गया कोई भी निवेश अच्छा फल देता है। सोना खरीदने के लिए ये बहुत ही उपयुक्त दिन माना जाता है। पीढ़ी दर पीढ़ी अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने की परंपरा चली आ रही है। यह भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा बन चुका है और त्योहार को मनाने का एक शुभ तरीका माना जाता है। भले ही अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने की परंपरा पुरानी है, लेकिन आजकल इसके मायने थोड़े बदल गए हैं। अब लोग इसे सिर्फ शुभ निवेश ही नहीं, बल्कि भविष्य के लिए आर्थिक सुरक्षा और महंगाई से बचने का तरीका भी समझते हैं।
अक्षय तृतीया को हिन्दू पंचांग में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है, और इस दिन कई लोग विभिन्न उपाय करते हैं ताकि उन्हें सफलता और समृद्धि मिले। कुछ प्रमुख उपाय निम्नलिखित हो सकते हैं:
- धार्मिक कार्यों में संलग्नता: अक्षय तृतीया पर धार्मिक कार्यों में संलग्न होना बहुत ही शुभ माना जाता है। यह ध्यान, पूजा, धर्मिक यात्राएँ, या अन्य धार्मिक उपाय शामिल कर सकता है।
- दान और दानशीलता: इस दिन दान करना भी बहुत ही महत्वपूर्ण है। लोग अक्षय तृतीया पर अन्न, वस्त्र, धन, या अन्य आवश्यकताओं की चीजें दान करते हैं।
- स्वर्ण की खरीदारी: अक्षय तृतीया को सोने की खरीदारी करना भी बहुत ही प्रसिद्ध है। लोग इस दिन सोने के आभूषण या सोने के सिक्के खरीदते हैं, क्योंकि इसे धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
- नए शुभ कार्य की शुरुआत: अक्षय तृतीया को नए कार्यों या परियोजनाओं की शुरुआत करना भी बहुत ही शुभ माना जाता है। लोग इस दिन नए व्यापार शुरू करते हैं, या नए निवेशों में अपने पैसे लगाते हैं।
- विवाह: अक्षय तृतीया को विवाह की शुभ तिथि मानी जाती है। बहुत से लोग इस दिन विवाह सम्पन्न करते हैं और अपने जीवन के नए चरण की शुरुआत करते हैं।
- तीर्थयात्रा: अक्षय तृतीया पर तीर्थयात्रा करने का महत्व भी होता है। लोग मान्यता से इस दिन किसी पवित्र स्थान पर यात्रा करते हैं, जैसे कि कुंभ मेला, गंगा स्नान, या अन्य धार्मिक स्थलों की यात्रा करते हैं।
- साधना और पूजा: अक्षय तृतीया पर विशेष प्रकार की पूजा और अनुष्ठान की जाती है। इस दिन लोग विशेष रूप से सूर्य देवता की पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
5 शुभ संयोग के साथ मनाई जाएगी अक्षय तृतीया
अक्षय तृतीया इस बार 5 शुभ संयोग में मनाई जाएगी, इससे पर्व का महत्व और भी बढ़ गया है। ज्योतिषाचार्यों ने बताया कि शुभ कार्यों के लिए अक्षय तृतीया की तिथि बहुत ही खास मानी गई है। इस दिन सुबह 6.13 बजे से 11 मई की दोपहर 12.22 बजे तक गजकेसरी योग रहेगा, जो धन प्राप्ति, बुद्धि और विद्या के लिए बहुत शुभ माना जाता है। इसी समय मान, सम्मान, यश और कीर्ति देने वाला रवि योग भी रहेगा। 10 मई को सुबह 8.54 बजे से 11 मई सुबह 11.36 बजे तक धन लाभ और समृद्धि देने वाला धन योग रहेगा। 10 मई को ही शुक्रादित्य योग को रहेगा, जिसे धन, वैभव और भौतिक सुखों के लिए शुभ माना गया है। अक्षय तृतीया पर्व पर शनि के अपने मूल त्रिकोण राशि कुंभ में होने से शश योग बनेगा, तो मंगल मीन राशि में रहकर मालव्य राजयोग बनाएंगे।
गुरु-शुक्र अस्त, नहीं गूंजेगी शहनाई
हिन्दू धर्मग्रंथों में अक्षय तृतीया को शुभ तिथि माना गया है। इस दिन बिना मुहूर्त देखे विवाह आदि मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं। लेकिन इस वर्ष ग्रहों के संयोग के कारण तृतीया पर न तो शहनाइयां बजेंगी और न कोई मांगलिक कार्य होंगे। दरअसल विवाह कारक ग्रह शुक्र और गुरु के अस्त होने से विवाह लग्न नहीं है। इसलिए अक्षय तृतीया पर शुभ कार्य नहीं होंगे। हालांकि इस बार अक्षय तृतीया पर बच्चों का नामाकरण, विद्याारंभ संस्कार, हवन-पूजन, बरीछा आदि करवाए जा सकते हैं, पर विवाह, यज्ञोपवीत, मुंडन, गृह प्रवेश, दुकान खोलने के मुहूर्त नहीं हैं।
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