लहसुन की खेती एक अच्छा व्यापारिक विकल्प हो सकता है, लेकिन यह निर्भर करता है कि आप कितनी भूमि पर और कैसे खेती कर रहे हैं। यहाँ कुछ तरीके हैं जो आपको लहसुन की खेती में मदद कर सकते हैं;
- भूमि का चयन: लहसुन की खेती के लिए अच्छी द्रव्यशाली मिट्टी चुनें।
- बीज चुनें: उच्च उत्पादकता वाले और स्थानीय प्रजातियों के साथ खेती करने के लिए सबसे उत्तम बीज चुनें।
- समयित रोपण: सही समय पर लहसुन के बीज बोएं और अच्छी तरह से सिंचाई करें।
- उपयुक्त उर्वरक और कीटनाशक: सही मात्रा में उर्वरक और कीटनाशकों का उपयोग करें ताकि फसल को सुरक्षा मिले।
- सही समय पर कटाई: फसल को सही समय पर काटें, ताकि यह अधिक उत्पादक हो सके।
लहसुन एक नगदी फसल है। इसकी खेती पूरे भारतवर्ष में की जाती है। लहसुन का उपयोग मसालों के अतिरिक्त औषधि के रूप में जैसे अपच, फफड़ों की बीमारियों, रक्तचाप, दमा आदि में होता है। इसके कन्द में अनेक छोटे-छोटे कन्द होते हैं जो जवा कहलाते हैं और एक सफेद या गुलाबी पतली झीली से आवेष्टित (लैंकी) होती है।
लहसुन की मुख्य किस्म
- 1. जामुना सफेद (जी-1) – इस किस्म के जवें गत्रा होता है। गांठ का रंग उजला एवं एक गांठ में 28-30 जवें होते हैं। यह किस्म 155 से 160 दिन में तैयार हो जाती है। इसकी ऊपज क्षमता 150 से 180 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। यह किस्म परपल ब्लाच रोग से अवरोधी है।
- 2. एग्रोफाउण्ड सफेद – इस किस्म के रंग उजला होता है तथा प्रति गांठ 20 से 25 जवें होते हैं। इसकी ऊपज क्षमता 130-140 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। इस किस्म को तैयार होने में 160 से 165 दिन लगता है। यह किस्म परपल ब्लॉच से अवरोधी है।
- 3. पंजाब लहसुन – इसके गांठ तथा जवा उजले रंग का होता है। इसकी ऊपज क्षमता 90 से 100 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
- 4. लहसुन 56–4 – इसके गांठ लाल रंग का होता है। इसके प्रत्येक गांठ में 25 से 35 जवें होते हैं। यह 150 से 160 दिन में तैयार हो जाती है जबकि इसकी औसत ऊपज 80 से 100 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
- 5. जमुना सफेद-2 (जी. 50) – इसकी ऊपज क्षमता 130 से 150 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। इस किस्म को तैयार होने में 160-170 दिन का समय लगता है। इसके गांठ में 18 से 20 जवा होते हैं तथा गांठ ठोस और उजले रंग का होता है।
- 6. जमुना सफेद-3 (जी—282) – इसके बल्व सफेद बड़े आकार एवं ठोस होते हैं। प्रत्येक जवा 1. 04-105 सेमी. मोटाई होता है। एक जवा 25-28 ग्राम वजन का होता है, जवा का रंग सफेद तथा गूदा क्रीम रंग का होता है। 15 से 18 जवा प्रति गांठ (शल्क) पाये जाते हैं। यह प्रजाति 140-150 दिनों में तैयार हो जाती है। इसकी पैदावार 175-200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है।
- 7. एग्रोफाउण्ड पार्ववती – इसके गांठ (बल्व) बड़े आकार तथा क्रिमी उजला रंग का होता है। इसके प्रति गांठ 10 से 16 जवां होता है। इस किस्म को तैयार होने में 160 से 165 दिन का समय लगता है जबकि इसकी ऊपज क्षमता 175 से 225 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होता है।
लहसुन की खेती व्यापारिक रूप से सफल हो सकती है, लेकिन यह भी निर्भर करता है कि आपके पास पूरे साल में कितनी खेती की जगह है और आप कितना समय और ध्यान इसे दे सकते हैं। 10 लाख तक की कमाई अनुमानित की जा सकती है, लेकिन यह निर्भर करेगा कि आपके पास बाजार में उत्पाद की मांग कितनी है और आपकी प्रतिफलिता कितनी है।
अगर आप इस तरह की खेती करने का विचार कर रहे हैं, तो सबसे अच्छा होगा कि आप स्थानीय कृषि विशेषज्ञों या सफल किसानों से सलाह लें और उनसे अनुभव साझा करें।
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