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22 फरवरी को बनेगा अति शुभ गुरु पुष्य योग, इन उपायों से दूर होगी नौकरी की समस्या |Pushya Nakshatra 2024

Last updated on February 22, 2024 by Editor

गुरु पुष्य योग को हिंदू धर्म में बेहद शुभ माना जाता है। यह तब होता है जब पुष्य नक्षत्र पर गुरुवार का दिन आता है। इसे किसी भी नई शुरुआत, विशेषकर व्यवसाय, निवेश, गृह प्रवेश, खरीदारी आदि के लिए बहुत शुभ समय माना जाता है। यदि आप नौकरी की समस्या से जूझ रहे हैं, तो गुरु पुष्य योग के दिन कुछ विशेष उपाय करने से आपकी समस्याएं दूर हो सकती हैं।

krishna

 

फरवरी 22 यानी कल गुरु पुष्य नक्षत्र जैसा शुभ योग बनने जा रहा है. गुरु पुष्य नक्षत्र में अनेकों प्रकार के कार्य सिद्ध होते हैं. इस दिन से शुभ कार्य का प्रारंभ बहुत ही अच्छे परिणाम लेकर आता है. जो लोग किसी बड़े सामान को खरीदने की प्लानिंग कर रहे और अच्छे मुहूर्त का इंतजार कर रहे हैं, तो कल का दिन आपके लिए अति उत्तम है. यदि आप पुखराज, येलो सफायर, येलो टोपाज पहनना चाहते हैं या और भी बृहस्पति के बहुत सारे कीमती उपाय करना चाहते हैं, तो कल के दिन से कार्यों की शुरुआत करें. इस दिन किए गए कार्य सिद्ध होते हैं।

क्या है गुरु पुष्य नक्षत्र?

गुरुवार का दिन हो और उस दिन पुष्य नक्षत्र आ जाए तो यह गुरु पुष्य नक्षत्र का योग बनता है।

गुरु पुष्य नक्षत्र शुभ समय  
गुरु पुष्य नक्षत्र की शुरुआत 22 फरवरी को सूर्योदय से होगी और समाप्ति शाम 04 बजकर 43 मिनट पर होगी।  इस दिन सर्वार्थ सिद्धि, अमृत सिद्धि, रवि योग,सौभाग्य और शोभन योग का संयोग भी बन रहा है।

पुष्य नक्षत्र का महत्व 
सत्ताइस नक्षत्रों में पुष्य आठवां नक्षत्र है। इस नक्षत्र के उदय होने पर शुभ कार्य करना बहुत ही शुभ माना जाता है। सभी नक्षत्रों में इसे सबसे अच्छा माना जाता है। पुष्य नक्षत्र के दौरान चंद्रमा कर्क राशि में स्थित होता है। बारह राशियों में एकमात्र कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा है। इसके अलावा चंद्रमा अन्य किसी राशि का स्वामी नहीं है। चंद्रमा धन का देवता है। इसलिए पुष्य नक्षत्र को धन के लिए अत्यन्त पवित्र माना जाता है। इसलिए सोना, चांदी और नए सामानों की खरीदारी के लिए पुष्य नक्षत्र को सबसे पवित्र माना जाता है। इसमें विवाह को छोड़कर सभी कार्य किए जा सकते हैं। इस शुभ योग में शुरू किया गया कारोबार खूब फलता फूलता है।

क्या करना होता है शुभ?

  1. पीले रंग की वस्तुओं का दान: गुरु पुष्य योग के दिन पीले रंग के वस्त्र, अन्न, फल या अन्य पीली वस्तुएँ ब्राह्मण या जरूरतमंदों को दान करें। पीला रंग गुरु (बृहस्पति) का प्रतिनिधित्व करता है, जो ज्ञान, धन और समृद्धि का कारक है।
  2. गुरु मंत्र का जाप: इस दिन गुरु (बृहस्पति) के मंत्र “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” का जाप 108 बार करना चाहिए। इससे गुरु का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जो करियर और नौकरी में सफलता दिला सकता है।
  3. पुष्य नक्षत्र की पूजा: पुष्य नक्षत्र की विशेष पूजा या अनुष्ठान करना भी लाभकारी होता है। इससे संबंधित विधि-विधान और मंत्रों के लिए किसी अनुभवी पंडित से सलाह लेना बेहतर होगा।
  4. पीले रंग के खाद्य पदार्थों का सेवन: इस दिन पीले रंग का भोजन करें जैसे कि बेसन का मिष्ठान आदि ।
  5. चांडाल दोष;जिन लोगों की कुंडली में चांडाल दोष, श्रापित दोष, पितृ दोष, विष दोष, अंगारक दोष, साढ़ेसाती, गुरु या शनि की दशा चल रही है, वे लोग इस दिन विष्णु सस्त्रनाम का पाठ करें, पीली वस्तुओं का दान करें.
  6. “श्री” लिखें; घर में सम्पन्नता बनी रहे इसके लिए श्रीविष्णु लक्ष्मी जी पर हल्दी चढ़ाकर उस चढ़ी हल्दी में थोड़ा पानी मिलाकर उससे अपनी तिजोरी पर “श्री” लिखें.
  7.  व्यापार में उन्नति; व्यापार में उन्नति के लिए एकाक्षी नारियल को लाल कपडे में लपेटकर मंदिर में रखें और स्फटिक माला से ऊँ ऐं हृं श्रीं एकाक्षिनालिकेराय नमः मंत्र का 108 बार जाप करें।
  8. लक्ष्मी की कृपा ; सदैव माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए दक्षिणावर्ती शंख में केसर मिश्रित दूध को डालकर मां लक्ष्मी जी का अभिषेक कर, घी का दीपक जलाएं।
  9. सुख-समृद्धि ; घर में सुख-समृद्धि का वास रहे, इसके लिए घी मिश्रित गुड़ को रोटी के साथ गाय को खिलाएं।
  10. पीली सरसों ;पारिवारिक कलह से मुक्ति और परिवार में प्रेम के लिए संध्या आरती के बाद कर्पूर से पीली सरसों जलाकर पूरे घर में घुमाएं.

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