गुरु पुष्य योग को हिंदू धर्म में बेहद शुभ माना जाता है। यह तब होता है जब पुष्य नक्षत्र पर गुरुवार का दिन आता है। इसे किसी भी नई शुरुआत, विशेषकर व्यवसाय, निवेश, गृह प्रवेश, खरीदारी आदि के लिए बहुत शुभ समय माना जाता है। यदि आप नौकरी की समस्या से जूझ रहे हैं, तो गुरु पुष्य योग के दिन कुछ विशेष उपाय करने से आपकी समस्याएं दूर हो सकती हैं।
फरवरी 22 यानी कल गुरु पुष्य नक्षत्र जैसा शुभ योग बनने जा रहा है. गुरु पुष्य नक्षत्र में अनेकों प्रकार के कार्य सिद्ध होते हैं. इस दिन से शुभ कार्य का प्रारंभ बहुत ही अच्छे परिणाम लेकर आता है. जो लोग किसी बड़े सामान को खरीदने की प्लानिंग कर रहे और अच्छे मुहूर्त का इंतजार कर रहे हैं, तो कल का दिन आपके लिए अति उत्तम है. यदि आप पुखराज, येलो सफायर, येलो टोपाज पहनना चाहते हैं या और भी बृहस्पति के बहुत सारे कीमती उपाय करना चाहते हैं, तो कल के दिन से कार्यों की शुरुआत करें. इस दिन किए गए कार्य सिद्ध होते हैं।
क्या है गुरु पुष्य नक्षत्र?
गुरुवार का दिन हो और उस दिन पुष्य नक्षत्र आ जाए तो यह गुरु पुष्य नक्षत्र का योग बनता है।
गुरु पुष्य नक्षत्र शुभ समय
गुरु पुष्य नक्षत्र की शुरुआत 22 फरवरी को सूर्योदय से होगी और समाप्ति शाम 04 बजकर 43 मिनट पर होगी। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि, अमृत सिद्धि, रवि योग,सौभाग्य और शोभन योग का संयोग भी बन रहा है।
पुष्य नक्षत्र का महत्व
सत्ताइस नक्षत्रों में पुष्य आठवां नक्षत्र है। इस नक्षत्र के उदय होने पर शुभ कार्य करना बहुत ही शुभ माना जाता है। सभी नक्षत्रों में इसे सबसे अच्छा माना जाता है। पुष्य नक्षत्र के दौरान चंद्रमा कर्क राशि में स्थित होता है। बारह राशियों में एकमात्र कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा है। इसके अलावा चंद्रमा अन्य किसी राशि का स्वामी नहीं है। चंद्रमा धन का देवता है। इसलिए पुष्य नक्षत्र को धन के लिए अत्यन्त पवित्र माना जाता है। इसलिए सोना, चांदी और नए सामानों की खरीदारी के लिए पुष्य नक्षत्र को सबसे पवित्र माना जाता है। इसमें विवाह को छोड़कर सभी कार्य किए जा सकते हैं। इस शुभ योग में शुरू किया गया कारोबार खूब फलता फूलता है।
क्या करना होता है शुभ?
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