अपरा एकादशी को हिंदुओं के लिए एक शुभ दिन माना जाता है, और वे इस दिन व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से पापों और नकारात्मक ऊर्जाओं से छुटकारा मिलता है और अच्छे स्वास्थ्य, धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
भक्त सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और स्वच्छ वस्त्र धारण करते हैं। वे पूजा करते हैं और पूरे दिन भगवान विष्णु को समर्पित अनुष्ठान करते हैं। अगले दिन द्वादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के बाद भक्त अपना उपवास तोड़ते हैं।
अपरा एकादशी दान करने और जरूरतमंदों को दान देने के लिए भी एक महत्वपूर्ण दिन है। मान्यता है कि इस दिन दान करने से पापों से मुक्ति मिलती है और पुण्य की प्राप्ति होती है।
यदि आप ज्येष्ठ मास की पहली एकादशी के व्रत में यह विशेष उपाय करते हैं तो भगवान विष्णु की कृपा आप पर बनी रहेगी। अपरा एकादशी ज्येष्ठ मास की पहली एकादशी व्रत का नाम है। यदि आप इस विशेष दिन भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और कुछ खास चीजें करते हैं, तो आप खुश और सफल रहेंगे।
अपरा एकादशी 2023(Apara Ekadashi 2023)
ज्येष्ठ मास की पहली एकादशी के व्रत में यदि आप यह विशेष उपाय करते हैं तो भगवान विष्णु की कृपा आप पर बनी रहती है।
नई दिल्ली में अध्यात्म डेस्क का कहना है: अपरा एकादशी 2023: अपरा एकादशी व्रत ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को हिंदू कार्यक्रम के अनुसार आयोजित किया जाएगा। जब कोई इस विशेष दिन पर भगवान विष्णु की पूजा करता है, तो उसकी सभी चिंताएं और कष्ट दूर हो जाते हैं। साथ ही यह लोगों को जीवन में आने वाली समस्याओं से निपटने में मदद करता है। उन्हें बता दें कि यह व्रत 15 मई 2023 को ज्येष्ठ माह में सोमवार के दिन रखा जाएगा।
अपरा एकादशी व्रत के दिन पूजा करने के साथ-साथ लोगों को कुछ विशेष ज्योतिषीय उपचारों के बारे में भी बताया गया है जो काफी मददगार माने जाते हैं। आपको बता दें कि ज्योतिष शास्त्र में अपरा एकादशी के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए कुछ खास उपाय करने का विधान है। आइए जानते हैं एकादशी व्रत के कुछ खास नियमों के बारे में।
- अपरा एकादशी 2023 शुभ मुहूर्त: ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी का प्रारंभ 15 मई 2023 को दोपहर 2 बजकर 46 मिनट से हो रहा है।
- ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी का समापन 16 मई 2023 को दोपहर 1 बजकर 3 मिनट पर होगा।
- अपरा एकादशी 2023 सोमवार, 15 मई 2023
- एकादशी व्रत का समय 16 मई को सुबह 6:41 बजे से 8:13 बजे तक है।
- अपरा एकादशी 2023 (Apara Ekadashi 2023 Upay) पर आपको करना चाहिए ये खास काम.
अपरा एकादशी के दिन साधक को पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाना चाहिए और वृक्ष के नीचे घी का दीपक जलाना चाहिए। - एकादशी के दिन घर के पवित्र भाग में दीपक अवश्य जलाना चाहिए। ऐसा करने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
- अपरा एकादशी के दिन पूजा के दौरान “ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र” का कम से कम 108 बार उच्चारण करना चाहिए। ऐसा करने वाले को सुख और सफलता की प्राप्ति होती है।
- चूंकि इस वर्ष अपरा एकादशी सोमवार को है, इसलिए आपको भगवान विष्णु के अलावा भगवान शिव की भी पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने पर साधक के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
भगवान जगदीश्वर की आरती
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।
भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे॥
जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का।
सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का॥ ॐ जय…॥
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी।
तुम बिनु और न दूजा, आस करूं जिसकी॥ ॐ जय…॥
तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी॥
पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी॥ ॐ जय…॥
तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥ ॐ जय…॥
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति॥ ॐ जय…॥
दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥ ॐ जय…॥
विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥ ॐ जय…॥
तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा।
तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा॥ ॐ जय…॥
जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे॥ ॐ जय…॥
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