दुर्गा कवच दुर्गा सप्तशती का एक अद्वितीय स्तोत्र है। इसके द्वारा सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा ओं का नाश होता है तथा भूत बाधा प्रेत बाधा अथवा किसी भी वजह से शीघ्र मुक्ति मिलती है। दुर्गा कवच देवताओं के लिए भी अति दुर्लभ है।
अतः दुर्गा कवच का पाठ बहुत ही ध्यान पूर्वक करना चाहिए। आज हम आपको इस आर्टिकल में दुर्गा कवच का पाठ कैसे करें, दुर्गा कवच कितने दिन में सिद्ध होता है, दुर्गा कवच का पाठ कब करना चाहिए, कवच का पाठ करने से क्या होता है, देवी कवच का पाठ कैसे करें-
दुर्गा देवी कवच के पाठ से जुड़ी विभिन्न प्रकार की महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर रहे हैं। यदि आप भी मां दुर्गा के भक्त हैं एवं मां दुर्गा की असीम कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो मां दुर्गा कवच के बारे में इन बातों का अवश्य जानें।
दुर्गा कवच का पाठ कब करना चाहिए?
विभिन्न शास्त्रों एवं पुराणों ने यह बात लिखी है कि जो फल एक लाख बार दुर्गा सप्तशती के पाठ करने से मिलता है वह फल मात्र कवच के पाठ से मिल जाता है। दुर्गा कवच का पाठ दुर्गा सप्तशती के आरंभ में एवं दुर्गा सप्तशती पाठ के बाद करना चाहिए।
सामान्य रूप से प्रतिदिन दुर्गा सप्तशती का पाठ भी कर सकते हैं। इससे सभी प्रकार की रक्षा होती है। यह मानव जीवन के लिए सुरक्षा कवच के समान कार्य करता है।
कवच का पाठ करने से क्या होता है?
- जब भी हम किसी अनुष्ठान अथवा पूजा की शुरुआत करते हैं तो पूजा या अनुष्ठान में विभिन्न प्रकार की विघ्न बाधाएं आने लगती हैं। यह बाधाएं भौतिक रूप से हो सकते हैं।
- मानसिक रूप से अथवा किसी भूत-प्रेत आदि की बाधा सभी प्रकार की बाधाओं को दूर करने के लिए दुर्गा कवच का पाठ किया जाता है। कवच के पाठ करने से हमारे इर्द-गिर्द किसी भी प्रकार की बुरी शक्ति प्रवेश नहीं करती है।
- हमारे मानसिक स्तर पर भी कोई गलत शक्ति आघात नहीं करती है। कवच में हमारे सभी अंगो का उल्लेख है एवं उनसे रक्षा करने के लिए दुर्गा देवी से प्रार्थना की गई है। वास्तव में कवच का पाठ बहुत ही चमत्कारी है।
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