दोस्तों जिस पर भी हनुमान जी की कृपा हो जाती है उसकी हनुमान जी हमेशा रक्षा करते है बूरी शक्तियों के प्रभाव से उसे दूर रखते है।हनुमान जी ने हमेशा ऐसे चमत्कार किये है जिन्हे सुन के आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे।
आईये हम आपको बताये हनुमान जी के भक्त के साथ क्या हुआ था। महाराष्ट्र के एक शहर पुणे में शंकर नाम एक व्यक्ति था। जो की हनुमान जी का परम भक्त था वह हनुमान जी की भक्ति में इतना मगन था कि उसने आजीवन ब्रह्मचर्य का पालन करने का वचन लिया था। वह आंगन में मौजूद हनुमान जी की मूर्ति के सामने बैठकें हनुमान चालीसा का पाठ करता था ।शंकर की एक औषधि की दुकान थी।उसे कभी भी बीमार लोगों के साथ पैसे को लेकर धन का ललाच कभी भी नहीं किया। कई बार तो वह गरीब लोगों को मुफ्त में दवाइयां दिया करता था और इसी बजह से उसे व्यापार में कभी भी घाटा नहीं हुआ। उसके तिजोरी हमेशा पैसे से भरी रहती थी। सभी के साथ अच्छा और निर्मल व्यवहार करने के कारण उसे सब पसंद करते थे। वो कोई गुनाह भी नहीं करता था तभी सभी सम्मान की नजर से देखते थे । परंतु शंकर के जीवन में एक घटना हुई जिस की बजह से उसकी जिंदगी बदल गयी।
शंकर की माता बीमार हो गयी और उसकी बजह से सब रिश्तेदारों ने शंकर को शादी के लिए जोर डाला। बूढ़ापे में मुझ से अधिक काम भी नहीं होता है तो माता ने अपने बेटे को विवाह करने के लिए कई बार प्रार्थना की कई बार रिश्ते द्वारा दबाने के करण शंकर को उनकी बात मनानी पड़ी और न चाहते हुए भी अपने ब्रह्मचर्य व्रत को तोड़ना पड़ा।
विवाह होने के बाद व्यस्त हो जाने के करण वह हनुमान जी को भूलता जा रहा था। घर के सामने बनाई गई हनुमान जी की मूर्ति पर अब धुल चढ़ने लगी थी। अब तो शंकर हनुमान जी की मूर्ति तरफ की तरफ़ ध्यान भी नहीं देता था। और तो और उसने कई हफ्तों तक हनुमान जी को नमस्कार भी नहीं किया शायद हनुमान जी अपने भक्त की परीक्षा लेना चाहते थे।
इसी बीच शंकर के जीवन में कुछ मुश्किल आनी शुरू हो गई। उसकी औषधि की दुकान पर ज्यादातर गरीबी लोग आने लगे। दयावान स्वभाव होने के कारण वह सभी को फ्री में दवाईयां दे देता था परन्तु वह घाटे में जाने लगा। उसके बाद उसने गरीबों की मदद करना छोड़ दिया और धन का लालच करने लगा।
एक बार तो उसे ग्राहक को गलत दवाइयां ही दे दी जिसका परिणाम अतयंत भयानक हुआ दवाइयों का बुरा असर पड़ने पर ग्राहक ने शंकर के ऊपर मामला दर्ज किया जिस करण शंकर की औषधि की दुकान पर ताला लग गया।
शंकर की सारी तिजोरी खली हो गई और ऐसे में उसकी पत्नी ने भी उसका साथ छोड़ दिया।वह शंकर को छोड़कर अपने मायके चली गई। ऐसे में शंकर पुरी तरह अकेला पड़ गया। हनुमान जी की मूर्ति धूल के करण पुरी तरह काली पड़ चुकी थी मूर्ति को देखकर अचानक शंकर को अपनी गलियों का एहसास हुआ।
उसके तुरंत बाद शंकर ने मूर्ति को साफ किया और हनुमान जी के सामने क्षमा मांगने लगा। शंकर को सारी बात समझ में आ गई। शंकर उस दिन हनुमान जी की मूर्ति के सामने बैठक हनुमान चालीसा का पाठ करने लगा।
9 दिन बीत जाने के बाद एक बड़ा चमत्कार हुआ। जो व्यक्ति शंकर की दवाइयों से बीमार हो गया था वह अचानक ठीक हो गया और वहां पर शंकर से मिलने आया और उसे शंकर को दवाईयों के लिए धन्यवद किया।
हनुमान जी के चमत्कार ने शंकर को पुनः हनुमान जी का परम भक्त बना दिया। आज भी शंकर अपनी पत्नी और बेटे के साथ हनुमान जी की रोज पूजा करता है। आपको कैसी लगी हनुमान जी की सच्ची घटना। अगर आप हनुमान जी के सच्चे भगत हो तो कमेंट बॉक्स में जरूर लिखना जय हनुमान | जय श्री राम |
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