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साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 8 नवम्बर 2022 को

Last updated on November 14, 2023 by Editor

साल का अंतिम चंद्र ग्रहण  8 नवम्बर  2022 को लगेगा  । अभी कुछ दिनों पहले ही कार्तिक मास की अमावस्या पर सूर्य ग्रहण लगा था और अब 15 दिनों बाद कार्तिक पूर्णिंमा पर  चंद्र ग्रहण लगाने जा रहा है भारतीय समय के अनुसार चंद्र ग्रहण 8 नवंबर को 5:29pm तक शुरू होगा शाम 6:19 pm पर समाप्त हो जाएगा भारत में इस चंद्रग्रहण को एक जगह पर देखा जाएगा । सूतक सुबह आठ बजकर बीस मिनट से लग जाएंगे। इस दौरान धार्मिक अथवा शुभ कार्य नहीं हो सकेंगे। कई राशि वालों पर भी इसके प्रभाव की संभावना है।

lunar eclipse

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  • सूतक कब से कब तक रहेगा
  • सूतक में क्या करें क्या न करें
  • चंद्र ग्रहण ग्रहण के दौरान मंत्र जाप
  • चंद्र ग्रहण पर ग्रहों की चाल
  • भारत के इन शहरों में दिखेगा पूर्ण चंद्रग्रहण
  • चंद्र ग्रहण के बाद क्या करें

सूतक कब से कब तक रहेगा

आचार्य प्रणव मिश्र बताते हैं कि मंदिरों के कपाट प्रात 8.09 बजे से ग्रहण के सूतक से शाम को 6.18 बजे तक बन्द रहेंगे। इसलिए कार्तिक माह स्नान, कथाओं और यज्ञ अनुष्ठानों का समापन भोग सोमवार 8 नवम्बर प्रात 8.08 बजे से पूर्व होगा। कार्तिक पूर्णिमा व्रत प्रदोष काल व्यापिनी पूर्णिमा को 7 नवम्बर को होगा, ऋषिकेश पञ्चाङ्ग के अनुसार पूर्णिमा तिथि का प्रारम्भ 7 नवंबर को संध्या 03:49 पर होगा। कार्तिक स्नान और चन्द्र ग्रहण के का तीर्थ दर्शन और स्नान ग्रहण काल में 8 नवम्बर को होगा।संभावना है।

सूतक में क्या करें क्या न करें

सूतक के समय जितना कम बोले उतना अच्छा रहेगा और भागवान की भक्ति की तरफ ध्यान दिया जाये ।भगवान का ध्यान करें और उनकी पूजा अर्चना करें । ग्रहण कल में गृह शांति के लिए भी उपाय किए जाते हैं । इस  समय जितना संभव हो योग और ध्यान करें।  योग और ध्यान करने से मानसिक शक्ति का विकास होता है अपने परिवार  और खुद को ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचाने के लिए पूजा पाठ करें ।  सूतक काल में भोजन नहीं किया जाता है और ना ही जल ग्रहण किया जाता है अगर भोजन बना लिया गया है या पका हुआ भोजन रखा हुआ है तो उसमें तुलसी के पत्ते रखें  ताकि उसे ग्रहण दोष से बचाया जा सके । चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्र के मंत्रों का जाप करें ।

चंद्र ग्रहण ग्रहण के दौरान मंत्र जाप

चंद्र ग्रहण के दौरान गुरु मंत्र गायत्री मंत्र या इष्ट देवता का मंत्र का जाप करना शुभ होता है। वहीं ग्रहण के बाद शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।

“ॐ नम: शिवाय” मंत्र का जाप करें। इससे चंद्र ग्रहण के बुरे प्रभावों का असर नहीं पड़ेगा। साथ ही इस मंत्र का जप करे “ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृत तत्वाय धीमहि तन्नो चन्द्रः प्रचोदयात।

चंद्र ग्रहण पर ग्रहों की चाल

चंद्र ग्रहण के दिन ग्रहों के सेना पति मंगल, शनि, सूर्य राहु आमने-सामने होंगे। ऐसे में भारत की कुंडली में तुला राशि पर सूर्य, चंद्रमा, बुध और शुक्र की युति बन रही है। इसके अलावा शनि कुंभ राशि में पंचम और मिथुन राशि में नवम भाव पर मंगल की युति विनाश कारी योग बना रही है। चंद्र ग्रहण का ऐसा संयोग बहुत ही अशुभकारी माना जा रहा है।

भारत के इन शहरों में दिखेगा पूर्ण चंद्रग्रहण

भारत में चंद्रग्रहण का सबसे बेहतरीन नजारा देश के पूर्वी भागों में दिखाई देगा। देश के बाकी हिस्‍सों में यानी उत्‍तर, पश्चिम और दक्षिण में लोग आंशिक चंद्रग्रहण देख पाएंगे।कोलकाता, सिलीगुड़ी, पटना, रांची और गुवाहाटी समेत पूर्वी भारत के तमाम शहरों में पूर्ण चंद्रग्रहण की स्थिति होगी। खास बात यह है कि इन इलाकों में सूर्यग्रहण उतना बेहतर नजर नहीं आया था।

चंद्र ग्रहण के बाद क्या करें

ग्रहण काल के बाद स्नान करना चाहिए और साफ वस्त्र पहनकर मंदिर में गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए। ग्रहण के खत्म होने के बाद मंदिर में गंगाजल छिड़के और मूर्तियों की सफाई करें। मूर्तियों की सफाई के लिए नींबू, दही, पानी, शहद और चंदन का इस्तेमाल करें। इससे ग्रहण के सारे दुष्प्रभाव खत्म होते हैं।मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के दिन भोजन आदि खाद्य पदार्थों में भी तुलसी की पत्ती डालकर ही उन्हें ग्रहण किया जाता है। ग्रहण में जो भी दान दिया जाता है, दान अमृत तुल्य माना जाता है। ग्रहण के बाद लाल कपड़ा, तांबे के पात्र, मसूर दाल, गेंहू और लाल फल का दान करना बेहत उत्तम माना गया है।

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