वैशाख पूर्णिमा ग्रंथों में कहा गया है कि वैशाख पूर्णिमा एक बहुत ही महत्वपूर्ण अवकाश है। इस दिन लोगों की मदद करना और पवित्र कार्य करना बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। वैशाख पूर्णिमा 5 मई 2023 को होगी, जिस दिन शुक्रवार है। वैशाख पूर्णिमा पर, ऐसा माना जाता है कि महात्मा बुद्ध, जिन्हें भगवान विष्णु का 9वां अवतार माना जाता है, प्रकट हुए थे। बौद्ध धर्म को मानने वाले लोगों का इस दिन पर्व होता है। लोग सोचते हैं कि वैशाख पूर्णिमा का व्रत करना और अपने रिश्तेदारों के सम्मान में चीजें देना बहुत भाग्यशाली है। इस दिन को कुर्मा जयंती के नाम से भी जाना जाता है। लोगों का मानना है कि भगवान विष्णु का कूर्म अवतार या कछुआ अवतार भी इसी दिन हुआ था। हमें बताएं कि यह दिन किस लिए जाना जाता है, यह कितना महत्वपूर्ण है और लोग इसके बारे में क्या मानते हैं।
पंचांग का कहना है कि वैशाख पूर्णिमा की तिथि 4 मई को रात 11:44 बजे से शुरू होगी और 5 मई को रात 11:30 बजे समाप्त होगी। इसलिए, चूंकि उदय तिथि को ध्यान में रखा जा रहा है, वैशाख पूर्णिमा 5 तारीख को होगी। इस दिन बौद्ध धर्म से जुड़े लोग अपने मंदिरों में विशेष आयोजन करते हैं।
वैशाख पूर्णिमा पर स्नान और पूजा करने का शुभ समय स्थान और स्थानीय रीति-रिवाजों के आधार पर भिन्न हो सकता है। हालांकि, इस दिन स्नान और पूजा के लिए सबसे शुभ मुहूर्त के लिए यहां कुछ सामान्य दिशानिर्देश दिए गए हैं:
- वैशाख पूर्णिमा पर स्नान करने का आदर्श समय ब्रह्म मुहूर्त के दौरान होता है, जो सूर्योदय से लगभग 1.5 घंटे पहले की अवधि है। यदि यह संभव न हो तो आप प्रात: काल में दोपहर से पहले स्नान कर सकते हैं।
- वैशाख पूर्णिमा पर पूजा करने का आदर्श समय दोपहर या शाम के समय के दौरान होता है। पूजा करने का सबसे अच्छा समय प्रदोष काल के दौरान होता है, जो सूर्यास्त के बाद और सूर्यास्त के 2 घंटे बाद तक का समय होता है।
- पूर्णिमा तिथि के दौरान पूजा करने की सलाह दी जाती है, जो पूर्णिमा का दिन है। हालांकि यदि पूर्णिमा तिथि में पूजा करना संभव न हो तो पूर्ववर्ती तिथि में पूजा कर सकते हैं.
- पूजा करते समय, उचित अनुष्ठानों का पालन करना और भगवान विष्णु और भगवान बुद्ध की पूजा करना महत्वपूर्ण है।
- पूजा के बाद जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और दान देने की प्रथा है।
- यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि स्नान और पूजा के लिए सटीक शुभ समय स्थान और स्थानीय रीति-रिवाजों के आधार पर भिन्न हो सकता है। इसलिए, सबसे सटीक समय के लिए हमेशा स्थानीय पुजारी या ज्योतिषी से परामर्श करने की सलाह दी जाती है।
वैशाख पूर्णिमा पर भद्रा की छाया
इस बार वैशाख पूर्णिमा पर भद्रा भी पड़ रही है. जो शाम 5:01 बजे से शुरू होकर रात 11:27 बजे तक चलेगा। लेकिन जानकारों का मानना है कि जिस तरह से सितारे एक कतार में हैं, उसके कारण इस बार भद्रा काम नहीं करेगी।
पीपल के पेड़ का उपाए
बुध पूर्णिमा पर पीपल के पेड़ की पूजा का बहुत महत्व देखा गया है। बोधि वृक्ष के नीचे महात्मा बुद्ध संसार में आए। पीपल का पेड़ बोधि वृक्ष है। इस वजह से पीपल के पेड़ की स्तुति करना आपके लिए बहुत ही शुभ और शुभ होता है। पानी में चीनी या गुड़ मिलाकर पीपल के पेड़ की जड़ों में जल डालें और दीपक जलाएं।
वैशाख पूर्णिमा के अचूक उपाय (Vaishakh Purnima Par karein Ye Upay):
– वैशाख पूर्णिमा पर गंगा स्नान का विधान है। यदि संभव न हो तो कम से कम के दिन नहाने के पानी में आप गंगाजल मिला लें। इससे तन और मन शुद्ध होने के साथ सारे पाप कट जाते हैं।
– वैशाख पूर्णिमा के दिन घर की साफ-सफाई जरूर करें। इसके बाद घर के मुख्यद्वार पर हल्दी और कुमकुम से स्वास्तिक बना लें। इससे घर की नकारात्म्कता दूर होती है।
-चंद्रमा को इस दिन दूध में अक्षत और चीनी मिला कर अर्घ्य जरूर देनी चाहिए। ऐसा करने से तनाव, डिप्रेशन आदि दूर होता है।
– वैशाख पूर्णिमा के दिन लक्ष्मी मंदिर में झाड़ू का दान जरूर करना चाहिए। इससे धन-संपदा का आगमन होता है।
– यदि आप लंबे समय से आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं तो पीपल के पेड़ के नीचे मां लक्ष्मी को ध्यान कर उनकी पूजा अवश्य करें। इससे आपके धन आगमन के मार्ग खुल जाएंगे।
– वैशाख पूर्णिमा के दिन सुहागिनों को सुहाग की सामग्री दान करनी चाहिए। इससे अंखड सौभाग्यवती का आशीर्वाद मिलता है।
– वैशाख पूर्णिमा के दिन शिवजी को शहद और कच्चे दूध से अभिषेक कराएं। ऐसा करने से जीवन के तमाम संकट दूर होंगे और वैवाहिक जीवन सुखमय होगा।
– वैशाख पूर्णिमा पर घड़े का दान जरूर करें। इसके अलावा गर्मी से जुड़ी चीजें जैसे पंखा, चप्पल, छतरी, हल्के वस्त्र आदि का दान करने से इंसान के दुख, दर्द, कष्ट दूर हो जाते हैं।
बुद्ध पूर्णिमा के दिन घर लाएं ये चीजें;
1. पीतल का हाथी खरीदें
बुद्ध पूर्णिमा के दिन पीतल का हाथी खरीदना बहुत ही शुभ माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन पीतल का हाथी खरीदने से घर की दरिद्रता दूर हो जाती है और घर-परिवार में सुख-शांति का माहौल रहता है.
2. भगवान बुद्ध की मूर्ति लाएं
बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था. इसलिए इस दिन भगवान बुद्ध बुद्ध की मूर्ति घर लेकर अवश्य आएं. क्योंकि फेंगशुई के अनुसार, इससे घर में सुख और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है. इसलिए इस दिन भगवान बुद्ध की मूर्ति अवश्य लाएं.
3. चांदी का सिक्का लाएं
बुद्ध पूर्णिमा के दिन घर में सोना या फिर चांदी का सिक्का लाना बहुत ही शुभ माना जाता है. इससे आपके भाग्य में भी वृद्धि होती है. ऐसी मान्यता है कि चांदी का सिक्का घर लाने से मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की विशेष कृपा बनी रहती है.
4. घर में श्रीयंत्र लाएं
घर में श्रीयंत्र लाने से मां लक्ष्मी का वास होता है. इसलिए बुद्ध पूर्णिमा के दिन इसे अवश्य लेकर आएं. इससे घर की आर्थिक स्थिति में मजबूती आती है और घर के सदस्यों के बीच आपसी प्रेम बना रहता है.
5. कौड़ी खरीदें
मां लक्ष्मी को कौड़ी बहुत ही प्रसन्न है. इसलिए इस दिन घर में कौड़ी खरीदकर जरूर लाएं. इससे घर में धन-धान्य में कमी नहीं होती है.
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